डॉलर में मजबूती और फेड द्वारा दिसबंर में ब्याज दरें बढ़ाने के संकेत के चलते ग्लोबल मार्केट में सोना 9 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। वहीं घरेलू मार्केट में भी सोने में गिरावट बनी हुई है और सोना 28,700 प्रति दस ग्राम पर आ गया है। निवेश के लिहाज से सेफ हेवन माना जाना वाला सोना अब निवेशकों की पहली पसंद नही रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सोने में यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी और अगले 15 दिनों में घरेलू मार्केट में कीमतें 28 हजार के नीचे आ सकती हैं।
घरेलू मार्केट में इन वजहों से है गिरावट
नोटबंदी का असर - भारत में सरकार के 500 और 1000 के नोट बैन करने का असर ज्वैलर्स के बिजनेस पर पड़ा है। केडिया कमोडिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक घरेलू मार्केट में सोने की कीमतें बहुत हद तक ग्लोबल सेंटीमेंट्स पर टिका होता है। अगर ग्लोबल मार्केट का सेंटीमेंट ऐसा ही बना रहा तो देश में नोटबंदी का इंपैक्ट खत्म होने के बाद भी सोने की कीमतों में गिरावट जारी रहने वाली है।
डॉलर में लगातार मजबूती – रुपए में लगातार गिरावट जारी है। एक डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 69 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब आ चुका है,जबकि डॉलर 14 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है। इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर देखा जा रहा है। बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के चिव योगेश सिंघल के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से डॉलर में लगातार तेजी बनी हुई है। सिंघल का कहना है कि सोने में आने वाले समय में गिरावट जारी रहने के संकेत है।
सेफ हैवन निवेश नहीं रहा सोनाः सोना को हमेशा से निवेश के लिहाज से सेफ हेवन माना जाता रहा है। लेकिन सोने में गिरावट के संकेत के चलते सोना से पैसा निकाल कर इक्विटी और दूसरे जगहों पर लगा रहे हैं। इस कारण सोने में गिरावट का रुख बना हुआ है।
SPDR होल्डिंग्स ने बेचा 16 टन सोना
दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) SPDR होल्डिंग्स ने ओपन मार्केट में 16 टन सोना बेच दिया है। इसीलिए अब माना जा हा है कि सेफ इन्वेस्टमेंट डिमांड के चलते सोने में आई तेजी अब खत्म हो चुकी है। लिहाजा एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिसंबर अंत तक सोने की कीमतें गिरकर 28 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के नीचे आ सकती हैं।
Gave Corrupt No Time To Prepare, Says PM, Pitches For Digital Eco
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नोटबंदी का असर - भारत में सरकार के 500 और 1000 के नोट बैन करने का असर ज्वैलर्स के बिजनेस पर पड़ा है। केडिया कमोडिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक घरेलू मार्केट में सोने की कीमतें बहुत हद तक ग्लोबल सेंटीमेंट्स पर टिका होता है। अगर ग्लोबल मार्केट का सेंटीमेंट ऐसा ही बना रहा तो देश में नोटबंदी का इंपैक्ट खत्म होने के बाद भी सोने की कीमतों में गिरावट जारी रहने वाली है।
डॉलर में लगातार मजबूती – रुपए में लगातार गिरावट जारी है। एक डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 69 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब आ चुका है,जबकि डॉलर 14 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है। इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर देखा जा रहा है। बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के चिव योगेश सिंघल के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से डॉलर में लगातार तेजी बनी हुई है। सिंघल का कहना है कि सोने में आने वाले समय में गिरावट जारी रहने के संकेत है।
सेफ हैवन निवेश नहीं रहा सोनाः सोना को हमेशा से निवेश के लिहाज से सेफ हेवन माना जाता रहा है। लेकिन सोने में गिरावट के संकेत के चलते सोना से पैसा निकाल कर इक्विटी और दूसरे जगहों पर लगा रहे हैं। इस कारण सोने में गिरावट का रुख बना हुआ है।
SPDR होल्डिंग्स ने बेचा 16 टन सोना
दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) SPDR होल्डिंग्स ने ओपन मार्केट में 16 टन सोना बेच दिया है। इसीलिए अब माना जा हा है कि सेफ इन्वेस्टमेंट डिमांड के चलते सोने में आई तेजी अब खत्म हो चुकी है। लिहाजा एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिसंबर अंत तक सोने की कीमतें गिरकर 28 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के नीचे आ सकती हैं।
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